Hindi Khabar : बगावत पर उतरे टेनिस सितारेनई दिल्ली.NNI.20अगस्त। बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर भारत के चोटी के खिलाड़ियों के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने की धमकी देने से इनकार करने के बाद अखिल भारतीय टेनिस संघ [एआईटीए] को शुक्रवार को शर्मसार होना पड़ा जब यह प्रकाश में आया कि चार मुख्य टेनिस खिलाड़ियों ने हटने की धमकी दी है।
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए लिएंडर पेस, महेश भूपति, सोमदेव देववर्मन और रोहन बोपन्ना की पुरुष टेनिस टीम ने एआईटीए को पत्र लिखा है कि अगर अगले महीने तक उन्हें भुगतान नहीं किया गया तो 'उनमें से कोई भी अक्टूबर में होने वाले खेलों के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा।' राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के लिए भूपति को मामूली रकम के अलावा किसी खिलाड़ी को एक पैसा भी नहीं मिला है। एक दिन पूर्व ही संभावित बहिष्कार से इनकार करने वाले एआईटीए महासचिव अनिल खन्ना ने आज यह स्वीकार किया और कहा कि खेल मंत्रालय के साथ बात चल रही है और एक हफ्ते के अंदर इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। खन्ना ने कहा, 'सरकार खिलाड़ियों के प्रति संवेदनशील है और मुझे उम्मीद है कि एक हफ्ते के भीतर हल निकल आएगा।' खन्ना ने आज खेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात की लेकिन इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने हालांकि कहा कि इस मामले में प्रगति हुई है और सभी खिलाड़ी खेलों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
खिलाड़ियों को खन्ना द्वारा लिखे पत्र के मुताबिक एआईटीए ने खेल मंत्रालय को चारों पुरुष खिलाड़ियों और सानिया मिर्जा प्रत्येक को उनकी तैयारी के लिए 17,250 डालर देने को कहा है। यह राशि दो साल के लिए है और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खिलाड़ी को साल में 75 दिन के लिए प्रतिदिन 115 डालर मिलने वाली राशि के सरकार के नियम के मुताबिक है। एआईटीए इस बात पर भी जोर दे रहा है कि खिलाड़ियों को साल में कम से कम 180 दिन और अधिकतम 280 दिन के लिए भुगतान हो।
सरकार ने हालांकि कथित तौर पर यह कहते हुए इस प्रस्ताव को नकार दिया कि वे टेनिस खिलाड़ियों के लिए नियम नहीं बदल सकते। सरकार चाहती है कि खिलाड़ी अपने होटल बिल, हवाई टिकट और अन्य खर्चो के वास्तविक बिल दें जो खिलाड़ियों के लिए मुश्किल हैं क्योंकि वह काफी यात्रा करते हैं और जटिल सरकारी प्रक्रिया में नहीं पड़ना चाहते।
खन्ना ने खिलाड़ियों को लिखा है, 'हमने सरकार को सुझाव दिया कि हमारे पास खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय टेनिस खेलने का सबूत है इसलिए हमें बिल की मांग नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह काफी मुश्किल काम है और खिलाड़ी अपने सहायक स्टाफ को भी साथ ले जाते हैं इसलिए वह अपनी जेब से काफी अधिक राशि का भुगतान करते हैं।'
राष्ट्रमंडल खेलों की राशि के भुगतान के अलावा खिलाड़ियों ने पत्र में एशियाई खेलों और ओलंपिक के लिए राशि के भुगतान में विलंब की भी शिकायत की है और वे यह भी चाहते हैं कि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए डेविस कप की तरह सहायक स्टाफ मिले। खन्ना ने कहा कि इस राशि के भुगतान की स्वीकृति देने में एआईटीए की कोई भूमिका नहीं है क्योंकि इन टूर्नामेंटों के लिए राशि को भारतीय ओलंपिक संघ से स्वीकृति मिलनी चाहिए और वे केवल खिलाड़ियों की तरफ से संबंधित अधिकारियों के साथ बात कर सकते हैं। खिलाड़ियों ने अपने पत्र में साफ कर दिया है कि डेविस कप मुकाबलों को लेकर एआईटीए की ओर से कोई भुगतान लंबित नहीं है।